Maa Kushmanda Aarti: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की आरती

नवरात्रि के यह पावन दिन, जब हम देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति का आनंद लेते हैं, चौथे दिन का खास महत्व है। आज का दिन मां कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है, जिन्हें जगत के निर्माता के रूप में माना जाता है, और जिनसे विशेष रूप से स्वास्थ्य, धन, और खुशियों की आशीर्वाद मिलते हैं। इस पुण्य दिन पर, कूष्मांडा देवी की आरती का आयोजन करना एक पूराना परंपरागत त्योहार है जो भक्ति और आनंद से ह्रदय को भर देता है।  देवी कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं इसलिए यह अष्टभुजा देवी भी कहलाती हैं। आज पूजा के साथ मां कूष्मांडा की आरती करने और मंत्र जपने से सुखों की प्राप्ति होती है। मां कूष्मांडा की आरती और मंत्र इस प्रकार है…

मां कूष्मांडा की आरती 🪔

कूष्मांडा जय जग सुखदानी। 🌟
मुझ पर दया करो महारानी॥ 🙏

पिगंला ज्वालामुखी निराली। 🔥
शाकंबरी माँ भोली भाली॥ 🌸

लाखों नाम निराले तेरे । 🌼
भक्त कई मतवाले तेरे॥ 🌈

भीमा पर्वत पर है डेरा। 🏔️
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ 🙌

सबकी सुनती हो जगदंबे। 🌍
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥ 🌠

तेरे दर्शन का मैं प्यासा। 🌊
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥ 🍀

माँ के मन में ममता भारी। 💖
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥ 🌺

तेरे दर पर किया है डेरा। 🚩
दूर करो माँ संकट मेरा॥ 🌄

मेरे कारज पूरे कर दो। 🙌
मेरे तुम भंडारे भर दो॥ 🍯

तेरा दास तुझे ही ध्याए। 🕉️
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥ 🌼

मां कूष्मांडा का मंत्र 🌼

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे। 🙏

हमारे साथ रहें और नवरात्रि उत्सव के और अपनी आत्मिकता के गहरे संवाद के लिए! 🌼🙏✨ #नवरात्री #मांकूष्मांडा #आरती 📿

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