Maa Chandraghanta Aarti: नवरात्रि के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की आरती

नवरात्रि के रंगीन त्योहार में हर दिन एक अद्वितीय ऊर्जा और भगवान के प्रति श्रद्धा लेता है। नवरात्रि के तीसरे दिन पर्व में हम मां चंद्रघंटा का समर्पण करते हैं, जो मां दुर्गा की तीसरी अवतार हैं। यह दिन दिव्य मां के साथ जुड़ने और उनके आशीर्वाद मांगने का एक गहरा मौका है। आइए इस दिन की महत्ता और चंद्रघंटा आरती का आयोजन कैसे करें, यह जानते हैं।

तीसरे दिन का महत्व: मां चंद्रघंटा

मां चंद्रघंटा को एक प्रकाशमान देवी के रूप में दिखाया जाता है, जिनकी माथे पर एक अर्धचंद्र अंकित है। वह साहस और शौर्य का प्रतीक हैं। उनका नाम, ‘चंद्र’ (चाँद) और ‘घंटा’ (घंटी) नकारात्मक ऊर्जाओं को हटाने और अज्ञान को दूर करने का प्रतीक है।

मां चंद्रघंटा की आरती 🌙

नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान।
मस्तक पर है अर्ध चंद्र, मंद मंद मुस्कान।। 😊

दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद।
घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण।। ⚔️🔔

सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके स्वर्ण शरीर।
करती विपदा शांति हरे भक्त की पीर।। 🦁✨

मधुर वाणी को बोल कर सबको देती ज्ञान।
भव सागर में फंसा हूं मैं, करो मेरा कल्याण।। 📜🧠

नवरात्रों की मां, कृपा कर दो मां।
जय मां चंद्रघंटा, जय मां चंद्रघंटा।। 🙏🌼

मां चंद्रघंटा का आराधना मंत्र 🌙

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। 🙌🌟

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