Maa Brahmacharini Aarti: नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्माचारिणी की आरती

मां ब्रह्मचारिणी की दिव्य यात्रा

मां ब्रह्मचारिणी, देवी दुर्गा का दूसरा स्वरूप, एक युवा तपस्विनी के रूप में चित्रित हैं। उनका नाम “ब्रह्मचारिणी” है, जिसका अर्थ होता है जो अध्यात्मिक सत्य की पुरस्कृति करता है, जो अक्सर तपस्या और भक्ति द्वारा प्रतीक्षिप्त होता है। उनके हाथ में माला और कमंडल (जल की बोटल) होता है।

मां ब्रह्मचारिणी की दिव्य यात्रा हमें अविचल भक्ति और ज्ञान के महत्व को समझाती है। उनकी छवि के रूप में एक युवा तपस्विनी दिखाई देती है, जिससे स्वाध्याय, तपस्या, और समर्पण के महत्व को सूचित किया जाता है। वह त्याग और संघर्ष की शक्ति का प्रतीक है।

मां ब्रह्माचारिणी आरती 🙏

🌼 जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
🌼 जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
🌼 ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
🌼 ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

🌼 ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
🌼 जिसको जपे सकल संसारा।
🌼 जय गायत्री वेद की माता।
🌼 जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

🌼 कमी कोई रहने न पाए।
🌼 कोई भी दुख सहने न पाए।
🌼 उसकी विरति रहे ठिकाने।
🌼 जो तेरी महिमा को जाने।

🌼 रुद्राक्ष की माला ले कर।
🌼 जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
🌼 आलस छोड़ करे गुणगाना।
🌼 मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

🌼 ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
🌼 पूर्ण करो सब मेरे काम।
🌼 भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
🌼 रखना लाज मेरी महतारी।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा के लिए सर्वप्रथम मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद इन्हें पुष्प, अक्षत, कुमकुम, व सिंदूर आदि चीजें अर्पित करें। मां ब्रह्मचारिणी को को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाने चाहिए। इन्हें मिश्री या सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र

🌸 “या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।” 🌸

इन आरती और मंत्रों के साथ, मां ब्रह्मचारिणी के पूजन में आप आत्मज्ञान, शक्ति, और सुख की प्राप्ति की कामना कर सकते हैं। 🙏✨ #नवरात्रि #मांब्रह्मचारिणी

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