चैत्र नवरात्रि 2025: नौ रंगों में समाया माँ दुर्गा का दिव्य आशीर्वाद

चैत्र नवरात्रि 2025 में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना हर दिन एक विशेष रंग के साथ करें। जानिए इन दिव्य रंगों का आध्यात्मिक महत्व और जीवन में सुख, समृद्धि व सफलता का आशीर्वाद प्राप्त करें।
चैत्र नवरात्रि, देवी माँ दुर्गा की आराधना का नौ दिवसीय पावन पर्व है, जो इस वर्ष 30 मार्च से 7 अप्रैल तक मनाया जाएगा। इन नौ दिनों में हर दिन एक विशेष रंग से जुड़ा होता है, जो माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की ऊर्जा और आशीर्वाद का प्रतीक है। आइए जानते हैं इस बार हर दिन के रंगों का विशेष महत्व:
पहला दिन: नारंगी – ऊर्जा का प्रतीक (माँ शैलपुत्री)
नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा नारंगी रंग में होती है। यह रंग ऊर्जा, उत्साह और नई शुरुआत का प्रतीक है। माँ शैलपुत्री अपने भक्तों को नवजीवन और शक्ति प्रदान करती हैं।
दूसरा दिन: सफेद – ज्ञान और शांति का रंग (माँ ब्रह्मचारिणी)
सफेद रंग माँ ब्रह्मचारिणी के दिव्य ज्ञान, पवित्रता और सरलता को दर्शाता है। यह रंग मन को निर्मल बनाता है और आध्यात्मिक मार्ग पर दृढ़ता से चलने की प्रेरणा देता है।
तीसरा दिन: लाल – शक्ति और साहस का प्रतीक (माँ चंद्रघंटा)
लाल रंग माँ चंद्रघंटा के साहस, सौंदर्य और निर्भीकता को प्रकट करता है। यह रंग आपको आत्मबल प्रदान करता है और जीवन में उत्साह और साहस से आगे बढ़ने का संबल देता है।
चौथा दिन: शाही नीला – रचनात्मकता का स्रोत (माँ कूष्मांडा)
चौथे दिन का शाही नीला रंग माँ कूष्मांडा के सृजनात्मक गुणों को दर्शाता है। यह रंग मन की अशांति को दूर करके खुशी, संतुलन और रचनात्मकता बढ़ाता है।
पाँचवा दिन: पीला – आशा और प्रसन्नता (माँ स्कंदमाता)
पीला रंग माँ स्कंदमाता के आशीर्वाद स्वरूप आशा, सकारात्मकता और खुशहाली लाता है। यह रंग हमारे भीतर उम्मीदों और आनंद की ऊर्जा भर देता है।
छठा दिन: हरा – विकास और समृद्धि का प्रतीक (माँ कात्यायनी)
हरा रंग माँ कात्यायनी के समृद्धि, संतुलन और स्वास्थ्य प्रदान करने वाले गुणों को दर्शाता है। यह जीवन में प्रगति, वृद्धि और मानसिक शांति का प्रतीक है।
सातवाँ दिन: ग्रे (धूसर) – सहनशक्ति और निडरता (माँ कालरात्रि)
सातवें दिन का ग्रे रंग माँ कालरात्रि के रहस्यपूर्ण स्वरूप और उनकी असीम शक्ति का प्रतीक है। यह रंग हमारे भीतर छिपी हुई शक्ति और कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता को जागृत करता है।
आठवाँ दिन: बैंगनी – भव्यता और सौंदर्य (माँ महागौरी)
बैंगनी रंग माँ महागौरी के दिव्य सौंदर्य और ऐश्वर्य को प्रकट करता है। यह रंग जीवन में समृद्धि, वैभव और मनोहरता लाने वाला माना गया है।
नौवाँ दिन: मोरपंखी हरा – सिद्धि और पूर्ति (माँ सिद्धिदात्री)
नवरात्रि के अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा मोरपंखी हरे रंग के साथ होती है। यह रंग जीवन में आध्यात्मिक सिद्धि, पूर्णता और विविधता का प्रतीक है।
इस चैत्र नवरात्रि, इन दिव्य रंगों को अपने जीवन में अपनाएँ और माँ दुर्गा के आशीर्वाद से अपने आध्यात्मिक और सांसारिक जीवन को समृद्ध बनाएँ। माँ दुर्गा आपके जीवन में सुख, शांति और सफलता प्रदान करें।
जय माता दी!
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